व्यवसाय पर चन्द्रमा का प्रभाव

जय माता दी 
दोस्तों.......
चन्द्रमा एक जलीय ग्रह है। इसकी चांदनी बड़ी मनमोहक होती है। इससे अमृतीय अंश प्राप्त होते हैं। इसकी चांदनी मनुष्य को मन, आत्मा, हृदय एवं नेत्रों को आनन्द देती है। चंद्रमा की चांदनी में जहां शीतलता का आभास होता है, वहीं वायु भी उसके संसर्ग से सुगन्धित हो जाती है, यह तो प्रत्यक्ष प्रमाणित है। सब देख ही रहे हैं कि चंद्रमा ही अन्य, गेहूं, चावल, धान आदि में, पृथ्वी पर स्थित जड़ी-बूटी तथा सभी वनस्पतियों में रस पैदा करता है।

Moon related business in Astrology
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  • जन्मकुण्डली में चतुर्थेश, अष्टमेश तथा द्वादशेश भी जलीय प्रभाव वाले होते हैं। चंद्रमा भी जलीय ग्रह होने से यदि इसका सम्बन्ध उक्त भावेशों के साथ हो जाए तो जातक जल से सम्बन्धित कार्य करता है। जैसे नाविक, पानी का जहाज चलाने वाला, शर्बत,अर्क, आसाव, अरिष्टादि बनाने व बेचने वाला इत्यादि।
  • यदि चन्द्रमा से मंगल का सम्बन्ध हो तो जातक केम्पा, सोडा, थमम्सअप आदि की फैक्ट्री में काम करने वाला या फैक्ट्री मालिक हो सकता है, क्योंकि मंगल का भूमि से सम्बन्ध और सोड़ा  इत्यादि पृथ्वी के क्षार ही हैं, जो उक्त पेयों में पड़ते है।
  • यदि राजयोग के साथ चन्द्रमा मंगल का योग हो तो जातक जलसेना में अधिकारी या कर्मचारी होता है। क्योंकि उत्तम मंगल जातक को साहसी, निडर, वीर तथा सुरक्षा अधिकारी तथा नीच का मंगल जातक को चोर, डकैत, व तस्कर आदि बनाता है।
  • चन्द्रमा जलीय ग्रह के साथ-साथ स्त्री संज्ञक ग्रह भी है। यदि इसका सम्बन्ध शुक्र, बुध व  शनि स्त्री संजक ग्रहों के साथ हो तो जातक स्त्रियों के साथ अस्पतालों में नर्सों के साथ होटलों में लड़कियों के साथ या फिल्म आदि में कार्य करता है।
  • यदि स्त्री ग्रह नीच हो तो जातक व्यभिचारी  भी हो जाता है। चन्द्रमा लग्न भी माना जाता है, क्योंकि जन्मकुण्डली बनाने का विशेष विधान है।
  • चन्द्रमा से मुख का संबंध और द्वितीयेश का मुख से सम्बन्ध है। यदि इसका समबन्ध द्वितीयेश से हो जाए तो जातक खाने-पीने के कार्य, होटल, दूध तथा मिष्ठान की दुकानादि के कार्य को करने वाला होता है।
  • यदि लग्नेश और लाभेश की स्थिति जन्मकुण्डली में श्रेष्ठ हो तो जातक इन्हीं कामों में नौकरी करता है और यदि एकादश स्थिति अच्छी हो तो जातक का अपना होटल, दुकान या मिष्ठान भण्डार होता है।
  • यदि चन्द्रमा व शुक्र का संबन्ध हो तो जातक सुगन्धित इत्र व शेम्पुओं का व्यापारी होता है।
  • बुध के समबन्ध से चावल आदि सफेद खाद्य  की तरह विचार करना चाहिए, क्योंकि चन्द्रमा और बुध दोनों जल संज्ञक ग्रह हैं।
  • चन्द्रमा के साथ राज्य द्योतक है। सूर्य बृहस्पति का सम्बन्ध हो तो जातक राज्य अधिकारी या कर्मचारी होता है।
  • यदि चन्द्रमा पर मंगल या शनि की दृष्टि हो तो चाय की दुकान और यदि मंगल निर्बल हो तो चन्द्रमा पर मंगल, शनि की दृष्टि हो तो जातक हलवाई होता है।
  • यदि चन्द्रमा राहु से सम्बन्ध हो तो जातक शराब काम करता है।
  • चन्द्रमा का मंगल व शनि से सम्बन्ध हो तो मोटर मकैनिक, लोहा या सफेद पत्थर का कार्य करता है, क्योंकि शनि से लोहा व पत्थर, चन्द्रमा से श्वेतता तथा मंगल से उर्जा का विचार किया जाता है।
  • चन्द्रमा शुक्र के सम्बन्ध से संगमरमर तथा सजावट का कार्य करता है क्योंकि शुक्र सजावट का द्योतक ग्रह है। 'चन्द्रमा मनसो जात' चन्द्रमा का मन पर प्रभाव होता है।
  • यदि चन्द्रमा, लग्न या चतुर्थेश पर शनि या राहु की दृष्टि सम्बन्ध हो जाए तो जातक उदास, गमगीन, मन्दगामी और विरक्त होकर साधुओं के समान विरक्त हो जाता है।
  • यदि चन्द्रमा शुभ हो तो जातक प्रसन्न मन रहता है। वह सबको प्रसन्न रखने वाला और सबका प्यारा होता है।
  • यदि चन्द्रमा का सम्बन्ध द्वितीयेश और पंचमेश से हो तो मनुष्य ऐसा भाषण करता है कि सबको सम्मोहित कर लेता है।

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