व्यवसाय पर मंगल का प्रभाव

जय माँ भवानी 
दोस्तों .......
मंगल अग्नि का सूचक ग्रह है। यह भूमि पुत्र कहलाता है। अच्छा मंगल जातक को पराक्रम व पुरुषार्थी तथा नीच का मंगल चोर, डकैत व तस्कर आदि बनाता है। इससे क्षत्रियपन, भाई, बन्धु, पुरुषार्थ, पराक्रम, क्रोध, संग्राम व झगड़े इत्यादि का विचार किया जाता है। 
mangal grah se related business
mangal grah 
  • जिस जातक का मंगल उच्च, स्वग्रही अथवा उत्तम हो तो रक्षा विभाग में नौकरी करने वाला तथा अफसर होता है। 
  • यदि मंगल मामूली शुभ हो तो भी सिपाही या हवलदार तक हो जाता है। 
  • यदि मंगल पर सूर्य तथा केतु की दृष्टि हो तो या मंगल से युति हो तो जातक अग्नि सम्बन्धित  कार्य जैसे भट्टी का कोई सामान बनाना, बिजली के हीटर, बिजली से  सम्बन्धित कार्य अथवा मिट्टी के बर्तन पकाना आदि का कार्य करता है। 
  • मंगल, बुध के सम्बन्ध से जमीन की खरीद-फरोख्त करता है। यदि मंगल और सूर्य का सम्बन्ध हो तो जातक बड़ा मानी, धनवान तथा ऊंचा अफसर होता है, क्योंकि दोनों ही ग्रह क्षत्रिय जाति के पुरुष संज्ञक राजकीय सत्ता वाले ग्रह हैं। 
  • यदि मंगल के अंश ज्यादा हों चन्द्रमा के अंश कम हों तथा मंगल व चन्द्रमा का सम्बन्ध हो तो जातक पानी पर पुल बनाने वाला होता है।  
  • यदि इसके साथ सूर्य अच्छी स्थिति में हो तो जातक को सरकारी ठेके मिल जाते हैं। अच्छा मंगल जातक को बड़ा कर्मठ पुरुषार्थी बनाकर जातक को प्रबन्ध करने की विशेष योग्यता देता है।
  • यदि मंगल, सूर्य और बृहस्पति जन्मकुण्डली में अच्छे हो तो जातक रक्षा मन्त्री तक हो जाता है। मंगल बुद्धि को तो बढ़ाता है, परंतु छल-कपट, क्रूरता, वीरता निडरता आदि गुण जातक में भर देता है।
  • यदि नीच का मंगल लग्न में हो या लगन को देखता हो और शनि या राहु की उस पर दृष्टि हो तो जातक चोरी, डकैती, अग्निकाण्ड तथा हिंसा करने वालों में प्रसिद्ध हो जाता है। 
  • यदि मंगल एकादशेश हो तो जातक चोरी, डकैती, झपटमारी के समान को कीमत से कम पैसों में बेचकर अपनी आजीविका चलाता है। 
  • मंगल चाहे उच्च, स्वगृही या नीच का हो, उसके ऊपर यदि किसी भी पाप ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो जातक झगड़ा करने वाला तथा क्रूर होता है। 
  • उसे अपने अपमान की बिल्कुल भी चिनता नहीं होती है। वह दूसरों को महान कष्ट देकर भी अपना स्वार्थ सिद्ध कर लेता है।
धन्यवाद।

Post a Comment

और नया पुराने