शारदीय नवरात्र 

जय माता दी। दोस्तों …

नवरात्रि का पर्व इस बार अधिकमास के कारण पितृपक्ष के अगले दिन शुरु नहीं हुआ। अधिक मास पड़ने के कारण अब नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर 2020 से शुरू है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ऐसा संयोग 19 साल बाद बन रहा है. इससे पहले वर्ष 2001 में भी हुआ था.

शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर, 2020
Shardiya Navratri 

पंचांग के अनुसार आश्विन मास की अमावस्या तिथि यानी सर्व पितृ अमावस्या के दिन महालया मनाई जाती है. महालया अमावस्या के खत्म होने के बाद शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। महालया के दिन मां दुर्गा से पृथ्वी पर आने की प्रार्थना की जाती है। इस वर्ष अधिक मास यानि मलमास के कारण यह एक माह बाद यानि 17 अक्टूबर को आएगा इसलिए नवरात्रि का पर्व इस वर्ष 17 अक्टूबर 2020 से 25 अक्टूबर 2020 तक मनाया जाएगा।

नवरात्रि के साथ शुरू हो जाएंगे शुभ कार्य-

मलमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य को करने की मनाही होती है मगर नवरात्रि के पर्व के साथ सभी मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही नई वस्तुओं की खरीद, मुंडन कार्य, ग्रह प्रवेश आदि कार्य किये जा सकेंगे। मगर शादी-विवाह की तिथि देवउठनी एकादशी के बाद की ही निकलेगी। इस बार दीपावली 14 नवंबर को मनाई जाएगी।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-

पंचांग के अनुसार नवरात्रि का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होगा, जो 17 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन सूर्य कन्या राशि में, चंद्रमा तुला राशि में विराजमान रहेंगे. नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6 बजकर 23 मिनट से प्रात: 10 बजकर 12 मिनट तक है।

मां दुर्गा के 9 रूप -

मां दुर्गा के नौ रूपों में पहला स्वरूप 'शैलपुत्री' के नाम से विख्यात है। कहा जाता है कि पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा। दूसरे दिन मां के दूसरे स्वरूप 'ब्रह्मचारिणी' की पूजा अर्चना की जाती है। दुर्गा जी का तीसरा स्वरूप मां 'चंद्रघंटा' का है। तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व माना गया है। पूजन के चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है। पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। स्कंदमाता अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। दुर्गा जी के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी और सातवें स्वरूप का नाम कालरात्रि है। मान्यता है कि सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा से ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। दुर्गा जी की आठवें स्वरूप का नाम महागौरी है। यह मनवांछित फलदायिनी हैं। दुर्गा जी के नौवें स्वरूप का नाम सिद्धिदात्री है। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं।

शारदीय नवरात्र कब से कब तक-

17 अक्टूबर, 2020 - इस दिन घटस्थापना और नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जायेगी।

18 अक्टूबर, 2020 -  नवरात्रि के दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाएगी।

19 अक्टूबर, 2020 - नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा स्वरूप  की आराधना की जायेगी।

20 अक्टूबर, 2020 - नवरात्रि पर्व के चौथे दिन मां भगवती के देवी कुष्मांडा स्वरूप की उपासना की जायेगी।

21 अक्टूबर, 2020 - नवरात्रि के पांचवे दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जायेगी।

22 अक्टूबर, 2020 - नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा जायेगी।

23 अक्टूबर, 2020 - नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है।

24 अक्टूबर, 2020 - नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं।

25 अक्टूबर, 2020 - नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया जाता है। सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्रि में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जायेगा व विजयदशमी भी मनाई जायेगी।

26 अक्टूबर, 2020 - इस दिन दुर्गा विसर्जन किया जायेगा।

धन्यवाद 



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