विंशोत्तरी सूर्य महादशा फल (Winshottari Surya Mahadasha Fal)

ग्रहदशा के द्वारा प्रत्येक ग्रह की फल प्राप्ति का समय निश्चित हो जाता है। सभी ग्रह अपनी दशा-अन्तर्दशा, प्रत्यन्तर्दशा और सूक्ष्म दशा के काल में अच्छा-बुरा फल देते हैं। जो ग्रह सबल अर्थात् उच्च राशि, मित्रराशि या अपनी राशि में रहता है, वह अपनी दशा में अच्छा फल देता है। जो ग्रह नीच राशि, शत्रुराशि, अस्त और निर्बल हो, वह अपनी दशा (काल) में हीनफल अर्थात् रोग, मुकद्दमा तथा धनहानि आदि कार्यावरोध, अवन्नति ही देता है।

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विंशोत्तरी सूर्य दशा फल- 

उद्विग्नचित्त-परिखेदित-वित्तनाशं क्लेश-प्रवास-गद-पीडमहाभिद्यातम्।
संक्षोभितः स्वजन-बन्धु-वियोगमेति सौरिदशा भवति राजकुलामिघातः।।

सूर्य की महादशा में उद्विग्न चित्त, धन का नाश, अनेक क्लेश, परदेशवास, रोगजन्य पीड़ा, महान अभिघात, क्षोभ, भाई-बंधुओं से वियोग और राजकुल से भय होता है। यदि सूर्य नीच राशि में पाप युक्त या पाप दृष्ट हो तो जातक दशाकाल में ऋणी, रोगी, प्रियजनों के वियोगजन्य कष्ट को सहन करने वाला, राजा से भय प्राप्त करने वाला तथा क्लेश आदि नेष्ट फल प्राप्त करता है।

सूर्य महादशा का राशि पर प्रभाव (Sun Mahadasha effect on zodiac)

मेष राशि -

  • यदि सूर्य मेष राशि में हो तो दशाकाल में जातक नेत्र रोग, धन प्राप्ति, राज सम्मान आदि अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करता है।

वृष राशि -

  • यदि सूर्य वृष राशि में हो तो स्त्री-पुत्र के सुख से हीन, ह्रदय व नेत्र रोगी तथा मित्रों से विरोध करने वाला होता है।

मिथुन राशि -

  • यदि सूर्य मिथुन राशि में हो तो जातक दशाकाल में अन्न-धनयुक्त, शास्त्र, काव्य तथा विलासादि सामग्रियों से युक्त होता है।

कर्क राशि -

  • यदि सूर्य कर्क राशि में हो तो जातक दशाकाल में राजा से सम्मानित, धन प्राप्ति, माता-पिता एवं भाइयों से अलग रहने वाला तथा वायु के रोग से पीड़ित रहता है।

सिंह राशि -

  • यदि सूर्य सिंह राशि में हो तो दशाकाल में जातक राजमान्य, उच्च पदासीन तथा प्रसन्नता प्राप्त करता है।

कन्या राशि -

  • यदि सूर्य कन्या राशि में हो तो दशाकाल में जातक की कन्याऐं उत्पन्न होती हैं, साथ ही धर्म में अभिरुचि होती है।

तुला राशि -

  • यदि सूर्य तुला राशि का हो तो दशाकाल में स्त्री-पुत्र की चिन्ता तथा परदेशवास होता है।

वृश्चिक राशि -

  • यदि सूर्य वृश्चिक राशि का हो तो दशाकाल में प्रताप की वृद्धि, विष तथा अग्नि से पीड़ा होती है।

धनु राशि -

  • यदि सूर्य धनु राशि का हो तो दशाकाल में राजा से सम्मान प्राप्ति तथा विद्या में वृद्धि होती है।

मकर राशि -

  • यदि सूर्य मकर राशि का हो तो स्त्री, पुत्र व धन आदि की चिन्ता, त्रिदोष रोगी तथा दूसरों का कार्य करने वाला होता है।

कुम्भ राशि -

  • यदि सूर्य कुम्भ राशि का हो तो दशाकाल में हृदयादि रोग, कुटुम्बियों से विरोध तथा साधारण धन प्राप्त होता है।

मीन राशि -

  • यदि सूर्य मीन राशि का हो तो दशाकाल में जातक को अखण्ड धन एवं सम्मान प्राप्ति, प्रतिष्ठा की वृद्धि तथा वाहन प्राप्ति के साथ-साथ विषम ज्वर की प्राप्ति होती है।
धन्यवाद।

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