जानिये कहीं आप आलसी तो नहीं ?

जय माता दी। दोस्तों ...........

जाड़ों की सुबह, दिन के दस बज रहे हैं और आप अभी तक बिस्तर में हैं। रजाई से निकलने का मन ही नहीं कर रहा है। घर का सारा काम पड़ा है। कमरा भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त है और सफाई मांग रहा है। फिर भी आप कुछ करने को तैयार नहीं हैं। उसमें भी मजा यह है कि दफ्तर में आप अपने मातहतों को अक्सर आलस्य छोड़ने का पाठ पढ़ाते रहते हैं। खैर, आप अकेले ऐसे नहीं हैं। बहुत लोग आलसी होते हैं-कोई ज्यादा कोई कम इसलिए सवाल यह है कि आखिरी आप कितने आलसी हैं ? अगर कोई दूसरा आपको इस संदर्भ में कुछ कहेगा, तो आपको बुरा लगेगा। इसलिए खुद ही क्यों नहीं जान लेते हैं कि आप कितने आलसी हैं? मगर किस तरह? निम्न प्रश्नों का इमानदारी से उत्तर देकर -

janiye kahi aap aalsi to nahi ?
lazyness

1. सुबह साढ़े सात बजे उठने का अलार्म लगाया था, अलार्म  ठीक समय पर बजा लेकिन आप -
क) दो-चार बार इधर-उधर करवटें बदलकर आखिरकार उठ ही जाते हैं।
ख) आप लेट होना पसंद नहीं करते इसलिए अलार्म पर या उससे पहले ही उठ जाते हैं।
ग) मुंह ढक के सो जाते हैं क्योंकि आपका मंत्र है - किस किसको रोइए, किस किसको टोकिए आराम बड़ी चीज है मुंह ढक के सोइए।

2. पूरे दिन में आप आखिर कितने घंटे टीवी से अपना मनोरंजन करते हैं ?
क) दो से तीन घंटे
ख) आधा घंटा बस खबरें सुनने के लिए
ग) तीन घंटे से ज्यादा

3. दोपहर में आपको सोना कैसा लगता है?
क) मन जब उदास होता है तो सो लेता हूं, लेकिन ऐसा कभी-कभार ही होता है।
ख) दोपहर में तो दूध पीते बच्चे और जिन बुजुर्गों को कोई काम नहीं होता, वह सोते हैं।
ग) दोपहर में सोना तो बहुत ही जरूरी है। आखरी रात में बमुश्किल साढ़े आठ घंटे की नींद ही तो मिलती है।

4. अपने कमरे में अकेले बैठकर आपको अपने इर्द-गिर्द क्या काम नजर आता है?
क) ज्यादातर तो कमरे को साफ-सुथरा रखने का प्रयास रहता है, लेकिन कभी-कभी भूल-चूक हो जाती है।
ख) जब तक हर एक चीज कमरे में कायदे-करीने से और अपनी जगह न रखी हो तब तक कोई काम करने में मन ही नहीं लगता।
ग) भई, कुंवारों का कमरा तो ऐसे ही होता है,  कोई चीज़ अपनी जगह नहीं होती, जब कोई चीज ढूंढो तो किताबों के, कपड़ों के चट्टे के चट्टे इधर से उधर करने पड़ते हैं।

5. रात होती जा रही है और आपको दफ्तर का काम करना है। ऐसे में आप क्या करते हैं?
क) काम तो हो ही जाएगा, एक गेम खेल लिया जाए तो अच्छा है।
ख) रोजी-रोटी का मसला है भाई, काम को पहली प्राथमिकता दी जाती है, खेल तो चलता ही रहेगा।
ग) दफ्तर कोई कुंभ का मेला है, रोज आता है, हो जाएगा काम।

6. टीवी पर आपका पसंदीदा कार्यक्रम आने वाला है और ऐसे में आपको रिमोट नहीं मिल रहा है,तो आप क्या करते हैं?
क) अब कौन बार-बार उठकर चैनल बदले, जो कार्यक्रम आ रहा है उसे ही देखते हैं।
ख) पसंद के कार्यक्रमों को कैसे छोड़ा जा सकता है रिमोट नहीं तो क्या हुआ टीवी के पास जाकर चैनल बदल देंगें।
ग) सारे घर को रिमोट तलाशने के लिए लगा दिया जाता है।

7. नहाने के बाद आपका बाथरूम किस स्थिति में होता है?
क)साफ करने का प्रयास तो रहता है लेकिन कभी-कभी गंदगी रह ही जाती है।
ख) दूसरा कोई नहाने के लिए चला जाए तो उसे जरा भी परेशानी नहीं होगी, सब कुछ साफ-सुथरा मिलेगा।
ग) हर कोई तो बाथरूम का प्रयोग करता है। मैं ही क्यों उसे साफ करने की जिम्मेदारी लूं।

8. बहन की शादी होने वाली है, पैसा ज्यादा चाहिए, तनख्वाह में काम चलेगा नहीं, ऐसे में क्या आप कोई पार्ट टाइम काम करेंगे?
क) मिल जाए तो ठीक है, दो-चार घंटे सप्ताह में करने में क्या फर्क पड़ेगा।
ख) अपनी जिम्मेदारी खुद नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा इसलिए और भी काम किया जा रहा है।
ग) क्या सारी जिम्मेदारी मुझ पर ही हैं, परिवार के और भी सदस्य तो हैं।

9. इतवार है, कुछ काम है नहीं, ऐसे में आप कब बिस्तर छोड़ते हैं ?
क) लंच के टाइम
ख) छुट्टी है तो क्या हुआ और बहुत से काम भी तो निपटाने होते हैं।
ग) अरे उठकर भी क्या करेंगे।

10. कोरियर वाले के पास जाना है, उसका दफ्तर आधे घंटे के फासले पर है, आप उस तक कैसे पहुंचते हैं?
क) बस या अपनी गाड़ी के जरिए।
ख) आधे घंटे की तो बात है, पैदल चले जाएंगे सेहत भी बन जाएगी।
ग) किसी से लिफ्ट मांग लेंगे।

आकलन -

  • अगर आप के उत्तरों में 'क' की अधिकता है तो आप कोशिश तो करते हैं। मगर आलस की आदत आपसे छूटती नहीं। फिर भी आप अपने उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास जैसे-जैसे करते ही हैं। आपको और प्रयास करने की जरूरत है विशेषकर शॉर्टकट से बचते रहना चाहिए।
  • अगर आपके उत्तरों में 'ख' की अधिकता है तो आप कतई आलसी नहीं हैं। आप हर काम समय से और कायदे-करीने से करते हैं। आप वह व्यक्ति हैं जिस पर भरोसा किया जा सकता है। आप जीवन का भरपूर आनंद ले रहे हैं। बढ़े चलो, सफलता आपके कदम चूमेगी।
  • अगर आपके उत्तरों में 'ग' की अधिकता है तो आपको अपने ऊपर शर्म आनी चाहिए। आपने कुंभकर्ण को भी आलस्य में मात दे दी है। आप बहुत ही अस्त-व्यस्त जीवन गुजार रहे हैं जो आपको विकास के लिए बेहतर नहीं है।
धन्यवाद।

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