रूद्राक्ष को धारण करने से लाभ

एक मान्यता के अनुसार एक दिन भगवान शिव के पीछे से माता पार्वती ने आँखे बंद कर ली। जैसे ही आँखे बंद की, समस्त ब्रह्मांड में अंधेरा हो गया और भगवान के नेत्रों की गर्मी से कुछ बूंदे पृथ्वी पर गिरीं। जहाँ- जहाँ बूंदे गिरीं उन्ही स्थानों पर रूद्राक्ष के पेड़ उत्पन्न हुए। रूद्राक्ष में भगवान शिव एवं माता पार्वती की कृपा समाहित रहती है, इसीलिए रूद्राक्ष का पूजा में सर्वोच्च स्थान है। रूद्राक्ष धारण करने पर समस्त सिद्धियाँ अति शीघ्र प्राप्त होती हैं। रूद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं तथा धारण करने पर उसके अनुसार ही फल देते हैं। 
आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको रूद्राक्ष धारण करने से मानव जीवन में होने वाले लाभ के बारे में बता रहे हैं । आगे भी हम आपको रूद्राक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी देते रहेंगे। तो चलिए आज जानते हैं रूद्राक्ष को धारण करने से होने वाले लाभ -
rudraksha ko dharan karne ke labh
rudraksha

एक मुखी रुद्राक्ष-

एक मुखी रूद्राक्ष पाप नाशक, ज्ञान में वृद्धि करने वाला तथा सर्व-सिद्धि दाता माना जाता है। इसको धारण करने वाला व्यक्ति दैवीय शक्तियों का कृपा पात्र होता है।

दो मुखी रुद्राक्ष -

दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनेक प्रकार के रोग दूर होते हैं। यह वशीकरण के प्रभाव से युक्त  भूतबाधा नाशक, मिर्गी मूर्छा नाशक, कल्याणकारी गर्व रक्षक एवं सुख सौभाग्य वर्धक कहा गया है।

तीन मुखी रुद्राक्ष-

तीन मुखी रुद्राक्ष कार्य सिद्धि, विद्या प्राप्ति और भौतिक जीवन में अनुकूल साधनों की उपलब्धि के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

चार मुखी रुद्राक्ष-

चार मुखी रुद्राक्ष  ब्राह्मण का स्वरूप माना जाता है। इसकी पूजा, स्पर्श, धारण करना सभी कुछ कल्याणकारी है। इसको धारण करने से जातक को आर्थिक लाभ मिलता है तथा सद्बुद्धि प्राप्त होती है।

पाँच मुखी रुद्राक्ष-

पाँच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मोक्ष एवं समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है। इसके प्रभाव से दरिद्रता दूर होती है। समृद्धि मिलती है और धारक निरोग जीवन का सुख प्राप्त करता है। 

छह मुखी रुद्राक्ष-

छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धारक के पापों का नाश होता है तथा उसके ज्ञान का प्रसार होता है। इसे विद्यानुरागी छात्र एवं अध्ययन करने वाले को अवश्य पहनना चाहिए

सात मुखी रुद्राक्ष-

सात मुखी रुद्राक्ष परम सिद्ध और सांसारिक प्रभाव का दाता माना जाता है। साधना करने वाले साधकों को इसे  अवश्य धारण करना चाहिए।

आठ मुखी रुद्राक्ष-

आठ मुखी रुद्राक्ष भैरव का स्वरूप है। समस्त पापों का नाशक, दीर्घायु प्रदान करने वाला तथा शिवलोक का मार्ग निर्देशक है।

 नौ मुखी रुद्राक्ष-

नौ मुखी रुद्राक्ष नव दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है। यह  परम कल्याणकारी, सुख-वैभव का दाता और दिव्या को संयुक्त माना गया है। यह नव ग्रहों को अनुकूल करता है।

दस मुखी रुद्राक्ष-

दस मुखी रुद्राक्ष  रोग,  शोक और भूत बाधा निवारण कर के व्यक्ति की समस्त कामनाओं की पूर्ति करता है। भगवान विष्णु के 10 अवतारों की शक्ति इसमें समाहित है।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष-

शिव कृपा से संपन्न ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सम्मोहन, आकर्षण एवं श्री वृद्धि का प्रभाव होता है।

बारह मुखी रुद्राक्ष-

बारह मुखी रुद्राक्ष भगवान सूर्य की तरह धारक को प्रकाशमान, तेजस्वी, सुविख्यात और लक्ष्मीवान बनाता है। इसे धारण करने से धारक की ख्याति दूर-दूर तक फैलती है।

तेरह मुखी रुद्राक्ष-

तेरह मुखी  रुद्राक्ष के देवता कामदेव हैं। यह सुख सौभाग्य की वृद्धि कर के काम पर विजय और रस, रसायन की सिद्धि प्रदान करता है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष-

चौदह मुखी रुद्राक्ष में अनंत गुण हैं। इसको गले में धारण करने से बहुत मान सम्मान मिलता है और समाज में उच्च पद  प्राप्त होता है।

गौरी-शंकर रुद्राक्ष-

गौरी शंकर रुद्राक्ष भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप का प्रतीक है। इसे धारण करने से शिव पार्वती हमेशा प्रसन्न रहते हैं। जिस घर में गौरी-शंकर रुद्राक्ष की पूजा होती है, वहां किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती।

गणेश रुद्राक्ष-

गणेश रूद्राक्ष रिद्धि-सिद्धि के दाता है। इस रुद्राक्ष को जो धारक धारण करता है यह उसके भाग्य को चमका देता है।इसकी विशेषता यह है कि व्यक्ति को धन से संबंधित बनाता है।

धन्यवाद ।
और नया पुराने