विंशोत्तरी शुक्र महादशा फल

जय माता दी। दोस्तों .......

मित्रोपचारमनिशं प्रमदा-विलास-श्वेतातपत्र-नृपपूजित-देशलाभम्।
हस्त्यश्वयान-परिपूर्ण-मनोरथांश्च, शौक्री दशा सृजति निश्चलराज्य लक्ष्मीम्।।

शुक्र की महादशा में मित्रों से उत्तमोत्तम वस्तुओं की प्राप्ति, स्त्रियों से काम कला क्रीड़ा की प्राप्ति, विलास, श्वेत छत्र, राज्य प्राप्ति, देश में लाभ, हाथी, घोड़ा व सुन्दर वाहनों की प्राप्ति,  मनोकामना की पूर्ति और निश्चल सम्पत्ति तथा भौतिक सम्पदा की प्राप्ति होती है। उच्च, स्वक्षेत्री, मित्रगृही या मूलत्रिकोणस्थ शुक्र की दशा में उपर्युक्त फल प्राप्त होता है। नीचस्थ, अस्तंगत, शत्रुक्षेत्री शुक्र के दशाकाल में रोग, ऋण, प्रमेह, क्षय तथा दरिद्रता उत्पन्न होती है।

vinshottari shukra mahadasha fal
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मेष राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र मेष राशि का हो तो दशाकाल में व्यसनों से प्रेम, उद्वेग, विदेश भ्रमण, चंचलता तथा धन हानि होती है।

वृष राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र वृष राशि का हो तो दशाकाल में विद्या, धन, ऐश्वर्य तथा विलास प्राप्त होता है।

मिथुन राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र मिथुन राशि का हो तो दशाकाल में व्यवसाय में उन्नति, काव्य-प्रेम, धन-लाभ,  प्रसन्नता तथा परदेश गमन होता है।

कर्क राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र कर्क राशि का हो तो दशाकाल में स्त्रियों से विशेष प्रेम, धन-लाभ तथा आभूषण प्राप्त होते हैं।

सिंह राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र सिंह राशि का हो तो दशाकाल में साधारण आर्थिक कष्ट, पुत्र-हानि, पशुओं तथा स्त्री द्वारा धन लाभ होता है।

कन्या राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र कन्या राशि का हो तो दशाकाल में स्त्री-पुत्र से विरोध, परदेश गमन, आर्थिक कष्ट, प्रमेह पीड़ा तथा वीर्य नाश होता है।

तुला राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र तुला राशि का हो तो दशाकाल में जातक को ख्याति लाभ, स्त्रियों से विलास, भौतिक सम्पदा की प्राप्ति के साथ-साथ भ्रमण तथा अपमान प्राप्त होता है।

वृश्चिक राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र वृश्चिक राशि का हो तो दशाकाल में प्रताप-पराक्रम की प्राप्ति, क्लेश, धनलाभ, सुख तथा चिन्ता उत्पन्न होती है।

धनु राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र धनु राशि का हो तो दशाकाल में प्रतिभा का विकास, राज्य से सम्मान, पुत्रों से स्नेह तथा काव्य-प्रेम प्राप्त होता है।

मकर राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र मकर राशि का हो तो दशाकाल में चिन्ता, कष्ट तथा वात व कफ के रोग उत्पन्न होते हैं।

कुम्भ राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र कुम्भ राशि का हो तो दशाकाल में रोग, कष्ट, धन हानि तथा नाना प्रकार के व्यसन उत्पन्न होते हैं।

मीन राशि -

  • यदि जन्मकाल में शुक्र मीन राशि का हो तो दशाकाल में राजा से धन का लाभ, व्यापार में लाभ, कारोबार में वृद्धि, समाज का नेतृत्व करने की क्षमता, भौतिक सुखोपभोग के साधन तथा सुन्दरियों से हास-विलास प्राप्त होता है।
धन्यवाद।

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