वास्तुशास्त्र के चमत्कारिक प्रयोग
जय माता दी। दोस्तों .......
श्री विश्वकर्माजी और देवताओं द्वारा मनुष्य मात्र को दिए गए अनमोल उपहारों में से एक है वास्तुशास्त्र। यह विज्ञान भवनों के निर्माण की तकनीकों पर आधारित है। वास्तुशास्त्र प्रत्येक व्यक्ति को पांच तत्वों जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु एवं आकाश, चुम्बकीय ऊर्जा, सूर्य ऊर्जा व अन्य बाहरी ऊर्जाओं से प्रभावित करता है, जब भी हम भवनों को तोड़ने या बदलने का कार्य करते हैं, तो हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं जो कभी ठीक या गलत भी हो सकते हैं। वह हमारे स्वास्थ्य सम्बन्धी, व्यापार और प्रगति पर प्रभाव डालते हैं।वास्तुशास्त्रानुसार हमारी भूमि, मकान या कमरे आदि की आठ दिशाएं होती हैं।
vastushastra |
यह दिशायें
पूर्व (पू.),
उत्तर-पूर्व (उ.-पू.),
उत्तर (उ.),
उत्तर-पश्चिम (उ.-प.),
पश्चिम (प.),
दक्षिण-पश्चिम (द.-प.),
दक्षिण (द.),
दक्षिण-पूर्व (द.-पू.) है।
कौन सी दिशा में क्या होना चाहिए।
दक्षिण-पूर्व दिशा में -
- रसोई घर टेलीविजन,
- भारी बिजली का सामान
- नौकरों (सेवकों का स्थान) कमरा
- खाने के टेबल
- गैराज।
दक्षिण दिशा में -
- बड़े पेड़
- सीढ़ियां
- बेडरूम
- रसोईघर
- स्टोर
- शौचालय व बाथरूम
दक्षिण-पश्चिम दिशा में -
- यह स्थान ऊंचा और यहां भार होना चाहिए।
- मास्टर बेडरूम
- कार्यालय
- बड़े पेड़
- स्टोर रूम
- सीढ़ियां
पूर्व दिशा में -
- पूजा घर
- बच्चों का कमरा (पढ़ने के लिए)
- पानी का नल, जैट पम्प
- मछली का ऐक्यूरियम
- खुला स्थान, तेज रोशनी युक्त स्थान सूर्य की रोशनी का आना।
ब्रह्म स्थान -
- ड्राइंग रूम खाली खुला स्थान भार नहीं होना चाहिए साफ-सफाई होनी चाहिए हल्का पीला प्रकाश होना चाहिए।
पश्चिम दिशा में -
- भोजन की टेबल
- बड़े पेड़
- दरवाजे-खिड़कियां
- बेडरूम
- शौचालय
- सीढ़ियां।
उत्तर-पूर्व दिशा में -
- पूजा घर
- गेस्ट रूम
- पानी का नल, जैट पम्प
- मछली का ऐक्यूरियम
- दरवाजा-खिड़की
- बरामदा-लाॅबी खुला व तेज प्रकाश युक्त स्थान।
उत्तर दिशा में -
- पानी का नल-जैट पम्प
- दरवाजा- खिड़की
- बाथरूम
- बच्चों का कमरा
उत्तर-पश्चिम दिशा में -
- रसोईघर
- बेडरूम
- पालतू जानवर
- शौचालय
- घर का सेप्टिक टैंक
- सेवकों का कमरा सेप्टिक टैंक।
खराब वस्तुओं को ठीक करने हेतु निम्न उपाय करें -
- स्थान की उत्तर दिशा की दीवार पर काले डायल की गोल्डन कलर की गोल दीवार घड़ी लगानी चाहिए
- अपने बेडरूम में भोजन करना बंद करें।
- दक्षिण-पूर्व दिशा में अग्नि का स्थान होता है। जनरेटर, भारी बिजली का सामान, रसोईघर, टीवी आदि रखने चाहिए।
- प्रत्येक कमरे के उत्तर-पूर्वी कोने में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर रखें रोज पानी बदलें।
- कमरे के उत्तर दिशा में झरने, मछलियों का ऐक्यूरियम, फोटो आदि भी लगा सकते हैं। यह फोटो लैमिनेटेड होना चाहिए और चारों तरफ रंग काला होना चाहिए।
- रसोई घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में छोटी लाल रंग की वस्तु रखनी चाहिए।
- दक्षिण व पश्चिम दिशा में भारी ट्रंक, अलमारी आदि रखनी चाहिए।
- यदि मुख्य दरवाजा दक्षिण या दक्षिण पश्चिम को है और आपको धन व स्वास्थ्य की परेशानी आ रही है तो वास्तु से संबंधित उपाय करवाकर लाभ पाऐं।
आपके कमरे के दरवाजे के बाहर रखा पायदान भी आपके लिए सकारात्मक ऊर्जाएं देने में मदद कर सकता है।
- आपके कमरे या कार्यालय का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो आप लाल रंग का पायदान प्रयोग में लाएं
- यदि ऑफिस या घर का मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा की तरफ खुलता है, तो काले रंग का पायदान लाभकारी होगा।
- इस तरह कमरे या घर का मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा की तरफ खुलता है तो काले रंग का पायदान लाभकारी होगा।
- इस तरह कमरे या मुख्य द्वार की दिशाओं के मुताबिक पायदान के रंग का चुनाव आपके स्वास्थ्य और कारोबार के लिए लाभकारी होगा।
- किसी भी मंगलवार या शनिवार की रात को थोड़ा सा साबुत नमक लेकर अपने ऑफिस या घर के हर कमरे में रात्रि के समय बिखेर दें और अगले दिन सुबह झाड़ू से साफ कर दें। महीने में एक बार यह प्रयोग करने से 24 घंटे के अंदर असर दिखेगा।घर के सदस्यों की मानसिक शांति में वृद्धि होगी, टोना-टोटका कटेगा, नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी।
- यदि आप सिरदर्द या आधासीसी से परेशान हैं तो सोने वाले बिस्तर की उत्तर-पश्चिम दिशा में गद्दे के नीचे एक सफेद रूमाल रख दें। धन लाभ होगा।
- बिस्तर पर सफेद चादर का ही प्रयोग करें।
- स्नान करते समय बाल्टी में आधा नींबू निचोड़ दिया करें।
- अपने बेडरूम में उत्तर-पूर्व दिशा में भूलकर भी झाड़ू, कूड़ेदान, चप्पल-जूते नहीं रखना चाहिए।
- सोते समय आपका सिर पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
धन्यवाद।
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