तुलसी सभी रोगों की दवा

तुलसी का पौधा आमतौर पर सभी के घर में मिल जाता है और इसकी प्रतिदिन पूजा भी की जाती है। जिस तरह तुलसी का पौधा घर में लगाने से घर की नकारात्मकता नष्ट हो जाती है, उसी तरह तुलसी के पौधे में दिव्य औषधीय गुणों का भण्डार भी है । इसलिए आज जानते हैं कि तुलसी के पौधे का औषधि के रूप में किन-किन बीमारी के लिए किस प्रकार सेवन किया जाए -
tulsi ke upyogita
tulsi

मलेरिया में उपयोगी-

तुलसी मलेरिया के किटाणु को भगाती है, मलेरिया के मरीज को जितनी हो सके अधिक से अधिक 50 या 60 तुलसी की पत्तियां प्रतिदिन खानी चाहिए तथा काली मिर्च पीसकर तुलसी के रस के साथ पीनी चाहिए। इससे  मलेरिया का ज्वर जड़ से नष्ट हो जाता है।

ज्वर में उपयोगी-

तुलसी का काढ़ा बनाकर रोगी को पिलाना चाहिए, इसके बाद रजाई या चादर ओढ़ कर कुछ देर सो जाने से पसीना आकर बुखार उतर जायेगा।

खाँसी में उपयोगी-

तुलसी एवं अडूसा के 5-5 पत्ते को बराबर मात्रा मे घोट कर पीने से खाँसी ठीक हो जाती है।

जी घबराने में उपयोगी-

तुलसी की पत्तियाँ 1 तोला ओर काली मिर्च 1 मासा पीसकर शहद के साथ चाटने से, आप का मन नहीं घबरायेगा एवं मन प्रसन्न रहेगा ।

कान के दर्द में उपयोगी-

तुलसी की पत्तियों को पीस कर उसके रस में रूई को भिगो कर कान पर रख लेने से, दर्द तुरन्त बन्द हो जाता है।

दांतों के दर्द में उपयोगी-

तुलसी एवं काली मिर्च पीसकर उसकी गोली बनाकर पीड़ा के स्थान पर रखने से दर्द बन्द हो जायेगा।

गले के दर्द में उपयोगी-

तुलसी की पत्तियों को पीस कर शहद में चाटने से गले का दर्द बन्द हो जाता है ।

जुखाम में उपयोगी-

तुलसी का रस पीजिये ओर तुलसी की सुखी पत्तियों को खाइये। हो सके तो तुलसी की चाय पीजिये जुखाम सही हो जायेगा।

फोडें पर उपयोगी-

तुलसी की पत्तियों को पका कर और उसके पत्तों को छानकर फोड़ो को धोने से, दर्द बन्द हो जाता है एवं फोड़े ठीक हो जाते हैं ।

सिर के दर्द में उपयोगी-

तुलसी की पत्तियों के रस में कपूर एवं चन्दन घिसकर खूब गाढ़ा करके उसे सिर में लगाये , सिर दर्द बन्द हो जायेगा।

जल जाने में उपयोगी -

तुलसी का लेप बनाकर उसे गोले के तेल में मिलाकर जले हुये स्थान पर लगाने से ठीक हो जाता है।

आखों के रोगों में उपयोगी-

तुलसी का लेप बनाकर आखों के आस-पास रखना चाहिये, इससे आँख ठीक हो जाती है। अगर हो सके तो तुलसी के रस को रुई में भिगोकर पलक के ऊपर रखने से आखों की रोशनी बढ़ती है।

पित्ती में उपयोगी-

तुलसी के बीज को पीस कर आँवले के मुरब्बे के साथ खाने से पित्ती ठीक हो जाती है।

जहर खा लेने में उपयोगी-

तुलसी के पत्तियों को पीस कर उसको मक्खन के साथ खाने से विष दूर हो जाता है ।

बाल झड़ने एवं सफेद होने में उपयोगी-

तुलसी की पत्तियों एवं आवला के रस को मिलाकर सिर धोने से बाल न तो सफेद होते हैं, ओर ना ही झड़ते हैं।

तपैदिक में उपयोगी-

तपैदिक के मरीज को किसी तुलसी के बगीचे में रहना चाहिये और अधिक से अधिक तुलसी के पत्ते खाने चाहिये इससे वह शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जायेगा। तुलसी की आबोहवा का तपैदिक के मरीज पर बड़ा अच्छा प्रभाव पड़ता है।  तुलसी की गन्ध से तपैदिक के किटाणु मर जाते हैं। रोगी शीघ्र ही स्वस्थ होने लगता है।
धन्यवाद ।

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