विंशोत्तरी शनि महादशा फल
जय माता दी। दोस्तों ........
मिथ्यापवाद वध बन्ध निराश्रयं च, मित्राति वैर धन धान्यं कलत्रशोकम्।
आशानिराश कृत निष्फल सर्वशून्यं, कुर्याच्छनैश्चरदशा सततं नराणाम्।।
शनि की महादशा में झूठी बदनामी, जेल बन्धन, आश्रय नाश, मित्रों से वैर, धन-धान्य व स्त्री के कारण शोक, आशा का नाश तथा सभी कार्यों में हानि होती है। परन्तु यदि जन्मस्थ शनि स्वगृही, मूलत्रिकोणस्थ, मित्रगृही, उच्च, धनु या मीन राशि का हो तो दशाकाल में जातक को धन, जन, सवारी, प्रताप, कीर्ति, ऐश्वर्य के साथ-साथ रोग तथा भ्रमण की प्राप्ति कराता है।
shani mahadasha fal |
मेष राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि मेष राशि का हो तो दशाकाल में बन्धु-बान्धवों से विरोध तथा उनका वियोग, चर्मरोग, मर्म स्थानों के रोग, स्वतन्त्रता तथा प्रवास देता है।
वृष राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि वृष राशि का हो तो दशाकाल में कलह, वातपीड़ा, वमन, दस्त, निरूद्यम के साथ-साथ राजा से सम्मान एवं विजय लाभ देता है।
मिथुन राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि मिथुन राशि का हो तो दशाकाल में पराधीनता, ऋण, कष्ट तथा चिन्ता देता है।
कर्क राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि कर्क राशि का हो तो दशाकाल में धन-जन हानि तथा नाक-आंख व कान के रोग देता है।
सिंह राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि सिंह राशि का हो तो दशाकाल में कलेश, रोग, ऋण तथा अर्थ हानि देता है।
कन्या राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि कन्या राशि का हो तो दशाकाल में भवन निर्माण, भूमि लाभ तथा सुख की वृद्धि करता है।
तुला राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि तुला राशि का हो तो दशाकाल में धन-धान्य व ऐश्वर्य की प्राप्ति, विजय लाभ, भौतिक सम्पदाओं तथा ऐश-विलास की प्राप्ति करता है।
वृश्चिक राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि वृश्चिक राशि का हो तो दशाकाल में आर्थिक कष्ट, विश्वासघात, बुरे लोगों की संगति, भ्रमण तथा कृपणता देता है।
धनु राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि धनु राशि का हो तो दशाकाल में राजा से सम्मान, जनता में ख्याति, यश लाभ, प्रसन्नता, आनन्द तथा धीरे-धीरे धन व भूमि की वृद्धि करता है।
मकर राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि मकर राशि का हो तो दशाकाल में आर्थिक संकट, विश्वासघात तथा बुरे लोगों की संगति से धन लाभ देता है।
कुम्भ राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि कुम्भ राशि का हो तो दशाकाल में विजय, यश, कीर्ति तथा पुत्र, धन, स्त्री व सुखलाभ देता है।
मीन राशि -
- यदि जन्मकाल में शनि मीन राशि का हो तो दशाकाल में अधिकार, उच्चपद, स्वास्थ्य, सम्मान, सुखप्राप्ति तथा नाना प्रकार की उन्नति होती है।
धन्यवाद।
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