विंशोत्तरी राहु महादशा फल

जय माता दी। दोस्तों ...

बुद्ध या विहीन मति विभ्रम सर्वशून्यं विष्वग् भयाति विषमापदमृत्युतुल्यम्।
व्याधि वियोग धन हानि विषानि चैवं राहोर्दशा सृजति जीवितसंशयं च।।

राहु की महादशा में बुद्धिनाश, बुद्धिभ्रम, सर्वशून्य, मृत्युतुल्य कष्ट, महान विषम आपत्ति, शरीर में व्याधि, प्रिय वियोग और जीने में संदेह होता है। यदि राहु उच्च, स्वगृही, मूलत्रिकोणस्थ व मित्रगृही हो तो दशा के आने पर जातक की चौमुखी उन्नति करता है, किन्तु यदि अन्य राशिस्थ हो तो उपयुक्त फल देता है।

vinshottari rahu mahadasha fal
 rahu mahadasha fal

मेष राशि -

  • यदि राहु दशाकाल में मेष राशि का हो तो अर्थलाभ, साधारण सफलता, घर में झगड़े तथा बन्धुओं से विरोध होता है।

वृष राशि -

  • यदि राहु वृष राशि का हो तो दशाकाल में राज्यलाभ, अधिकारों की प्राप्ति, कष्ट उठाने की शक्ति तथा हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

मिथुन राशि -

  • यदि राहु मिथुन राशि का हो तो दशाकाल में प्रारम्भ में कष्ट तथा मध्यम व अन्त में सुख प्राप्त होता है।

कर्क राशि -

  • यदि जन्मस्थ राहु कर्क राशि का हो तो दशाकाल में धन व पुत्र लाभ, नवीन कार्यों की उत्पत्ति तथा धन का संचय होता है।

सिंह राशि -

  • यदि राहु सिंह राशि का हो तो महादशा काल में कार्यों में सफलता, दूसरों से द्वेष, रोग तथा स्वयं को सम्मान प्राप्त होता है।

कन्या राशि -

  • यदि राहु कन्या राशि का हो तो दशाकाल में मध्यवर्गीय लोगों से लाभ, व्यापार में लाभ, नीच कार्यों से प्रेम तथा व्यसनों के कारण धन व मान की हानि होती है।

तुला राशि -

  • यदि राहु तुला राशि का हो तो दशाकाल में वृथा विवाद, बन्धु-बान्धवों से क्लेश, अकस्मात कष्ट, झंझट के साथ-साथ धन-यश व प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।

वृश्चिक राशि -

  • यदि राहु वृश्चिक राशि का हो तो दशाकाल में धन कष्ट, शत्रुओं से हानि होती है, जातक नीच कार्य करके अपयश का भागी बनता है।

धनु राशि -

  • यदि राहु धनु राशि का हो तो दशाकाल में यश लाभ,  प्रतिष्ठा तथा उच्च पद की प्राप्ति होती है।

मकर राशि -

  • यदि राहु मकर राशि का हो तो दशाकाल में सिर शूल, वातरोग  तथा आर्थिक संकट प्राप्त करता है।

कुम्भ राशि -

  • यदि राहु कुम्भ राशि का हो तो दशाकाल में धन लाभ, व्यापार से साधारण लाभ तथा सफलता प्राप्त होती है।

मीन राशि -

  • यदि राहु मीन राशि का हो तो दशाकाल में विरोध, झगड़ा, अल्पलाभ तथा रोगादि कष्ट प्राप्त होते हैं।
धन्यवाद।

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